Bharat Stands United: निर्णायक विदेश नीति की शुरुआत
Shashi Tharoor diplomatic outreach की शुरुआत उस समय हुई जब किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर कहा, “In moments that matter most, Bharat stands united.” यह केवल शब्दों की गूंज नहीं थी, बल्कि एक निर्णायक कूटनीतिक कदम की शुरुआत थी। Operation Sindoor के बाद भारत ने जो मजबूत विदेश नीति का रुख अपनाया है, उसमें शशि थरूर की नेतृत्व क्षमता और कूटनीतिक दूरदृष्टि अहम भूमिका निभा रही है।
🔹 सात सांसदों की ऑल-पार्टी डेलीगेशन: राष्ट्रहित में एकता की नई मिसाल
I am honoured by the invitation of the government of India to lead an all-party delegation to five key capitals, to present our nation’s point of view on recent events.
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 17, 2025
When national interest is involved, and my services are required, I will not be found wanting.
Jai Hind! 🇮🇳 pic.twitter.com/b4Qjd12cN9
भारत सरकार ने एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है, जिसमें सात सांसद शामिल हैं। इस टीम में विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों के सदस्य हैं, जिनमें Shashi Tharoor भी शामिल हैं। इस पहल का उद्देश्य है – दुनिया भर में भारत की “zero-tolerance to terrorism” की नीति को मजबूती से प्रस्तुत करना।
इस टीम में शामिल प्रमुख सांसदों के नाम:
Shashi Tharoor (कांग्रेस)
Kanimozhi Karunanidhi (DMK)
Supriya Sule (NCP – Sharad Pawar faction)
Ravi Shankar Prasad (BJP)
Baijayant Panda (BJP)
Sanjay Kumar Jha (JDU)
Shrikant Shinde (Shiv Sena – NDA)
यह डेलीगेशन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों सहित कई प्रमुख वैश्विक साझेदार देशों का दौरा करेगा।
Shashi Tharoor की कूटनीतिक पहल: राजनीति से परे, राष्ट्रहित सर्वोपरि।
थरूर की नियुक्ति केवल एक व्यक्तिगत सम्मान नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय संदेश है – राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में एकजुट होना। थरूर की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के पक्ष को प्रभावी ढंग से रखने की क्षमता ने उन्हें इस मिशन के लिए उपयुक्त चेहरा बना दिया है।
विदेश मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय दोनों ने स्पष्ट किया कि यह मिशन भारत की “national consensus” और आतंकवाद के खिलाफ “resolute approach” को सामने रखेगा।
विपक्ष की भूमिका: राजनीति नहीं, राष्ट्र नीति
जहां विपक्ष और सत्ताधारी दल अक्सर एक-दूसरे के खिलाफ रहते हैं, वहीं इस डेलीगेशन में विपक्ष के बड़े नेताओं को शामिल करना एक ऐतिहासिक निर्णय है। इससे यह संदेश जाता है कि जब बात आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की हो, तो भारत एकजुट होकर खड़ा है।
“A powerful reflection of national unity above politics, beyond differences.” – किरेन रिजिजू
यह वाक्य इस मिशन की आत्मा को दर्शाता है।
भारत का संदेश: “Zero-Tolerance Against Terrorism”
Shashi Tharoor diplomatic outreach का मुख्य उद्देश्य है: Shashi Tharoor की नेतृत्व क्षमता के तहत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति पूरी तरह सख्त रहे। यह कड़ा रुख केवल बयान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे डिप्लोमैटिक चैनलों और इंटरनेशनल मीडिया के माध्यम से सामने रखा जाएगा।
मुख्य रणनीति
- Cross-border collaboration: संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस सहित प्रमुख शक्तियों के साथ रणनीतिक वार्ता।
Soft Power Diplomacy: भारत की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक छवि को पेश करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मजबूत स्थिति रखना।
Multi-party Representation: विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों को मिलाकर एक सामूहिक राष्ट्र-दृष्टिकोण बनाना।
Strategic Messaging: सोशल मीडिया, इंटरनेशनल मीडिया इंटरव्यू और थिंक टैंक इवेंट्स में भारत का पक्ष मजबूती से रखना।
थरूर की भूमिका विशेष क्यों?
कई कारणों के चलते, Shashi Tharoor diplomatic outreach के तहत शशि थरूर को इस वैश्विक कूटनीतिक पहल में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है।
वे संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
उनकी अंग्रेजी और विदेशी नीति पर पकड़ बेहद प्रभावी है।
वे कई वैश्विक थिंक टैंकों और नीति मंचों में सम्मानित वक्ता हैं।
जनता और मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर थरूर और अन्य विपक्षी नेताओं की इस भूमिका की सराहना हो रही है। जनता का मानना है कि यह मिशन भारत के भीतर राजनीतिक संवाद की परिपक्वता को दर्शाता है।
कई मीडिया हाउस इस पहल को “India’s Diplomatic Reset Post Sindoor” का नाम दे रहे हैं, जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ एक सामूहिक राष्ट्र स्वरूप में सामने आ रहा है।
निष्कर्ष
“Shashi Tharoor diplomatic outreach” भारत की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जो न केवल आतंकवाद विरोधी रणनीति को वैश्विक समर्थन दिलाने में मदद करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि जब बात राष्ट्रहित की हो, तो भारत राजनीतिक सीमाओं से ऊपर उठ सकता है।
इस मिशन से यह उम्मीद है कि भारत वैश्विक समुदाय में न केवल एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरेगा, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी नई दिशा देगा।
Also Read: WAVES Summit 2025: भारत की डिजिटल क्रांति का वैश्विक मंच
Nidhi Tewari Appointment: Private Secretary to PM Narendra Modi